शबय शबय!
कोकण में होली के त्योहार को “आयनाचे बायना” कहा जाता है, जहाँ सभी लोग “शबय” मांगते हैं। इसके पीछे का गूढ़ अर्थ आज समझते हैं।
“आय नाचे बाय ना! घेतल्या वाचून जाय ना! शबय शबय!”
इसका क्या अर्थ है?
इसलिए, इस माया के जाल में न फँसते हुए, परब्रह्म की पहचान करना ही इस मानव जीवन का वास्तविक उद्देश्य है।
“शबय” का अर्थ है – सावधान हो जाओ!”
यदि हम इस माया के शिमगोत्सव (भ्रम) से बचना चाहते हैं, तो ईश्वर की शरण में जाना ही एकमात्र उपाय है।
हुताशनी पूर्णिमा की सभी को मंगलमय शुभकामनाएँ! 🙏