कुंडली के 2,3,6,7,8,11,12 भाव के स्वामी मारक होते है ।
हर व्यक्ति की कुंडली में तीन प्रकार के ग्रह होते हैं – शुभ, अशुभ और सामान्य, अशुभ ग्रहों में दो तरह के ग्रह होते हैं, एक जो नुकसान करते हैं, और एक, जो मारक होते हैं। मारक ग्रह कुंडली में समस्या और संघर्ष पैदा करते हैं, इन ग्रहों की दशा में व्यक्ति की या तो मृत्यु होती है या मृत्युतुल्य कष्ट होता है, हर लग्न के लिए अलग अलग ग्रह मारक होते हैं और इनकी दशाओं में सावधानी न रखने के परिणाम बहुत गंभीर होते हैं।
किन किन लग्नों के लिए कौन कौन से ग्रह मारक होते हैं
मेष लग्न – शुक्र और बुध
वृष लग्न – बृहस्पति और चन्द्र
मिथुन लग्न – मंगल और चन्द्र
कर्क लग्न – शुक्र और शनि
सिंह लग्न – शनि और बुध
कन्या लग्न – मंगल और चन्द्र
तुला – बृहस्पति और मंगल
वृश्चिक – बुध और शुक्र
धनु लग्न – शुक्र और शनि
मकर लग्न – चन्द्र और सूर्य
कुम्भ लग्न – सूर्य और बृहस्पति
मीन लग्न – शुक्र और शनि
सूर्य की मारक दशा होने पर क्या उपाय करें:-
नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें, आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करे रविवार को गुड़ और गेंहू का दान करें, रविवार को नमक का सेवन न करें. रोज सायंकाल महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करें।
चन्द्रमा की मारक दशा होने पर क्या उपाय करें :-
सोमवार का व्रत रखें, सोमवार को चावल, चीनी या दूध का दान करें, “नमः शिवाय” का प्रातः और सायं 108 बार जाप करें, काले रंग के वस्त्रों से परहेज करें।
मंगल की मारक दशा होने पर क्या करें:-
मंगलवार का व्रत रखें, मंगलवार को हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाएं, नित्य प्रातः और सायं “राम रक्षा स्तोत्र” का पाठ करें,रात्रि में सोने के पहले महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
बुध की मारक दशा होने पर क्या करें:- गणेश जी की उपासना करें, बुधवार को हरी वस्तुओं का दान करें,”ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” का 108 बार जाप करें।
बृहस्पति की मारक दशा होने पर क्या करें:- बृहस्पतिवार का व्रत रखें, सोना और पीली चीज़ों से परहेज करें, बृहस्पतिवार को चने की दाल का दान करें, प्रातः विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें, सायं महामृत्युंजय मंत्र की तीन माला का जाप करें।
शुक्र की मारक दशा होने पर क्या करें:- शुक्रवार को शिवलिंग पर इत्र और जल अर्पित करें, शुक्रवार के दिन सफ़ेद मिठाई का दान करें,हीरा भूलकर भी धारण न करें, नित्य प्रातः और सायं 108 बार महामृत्युंजय मन्त्र का जाप करें।
शनि की मारक दशा होने पर क्या करें:- नित्य प्रातः सूर्य को जल चढ़ाएं, सूर्य के सामने हनुमान चालीसा पढ़ें, हर शनिवार को छाया दान करें, हर शनिवार अपने सर से वारकर पशु को रोटी खिलाएं, परामर्श लेकर मूंगा धारण करें, सुबह और शाम तीन – तीन माला महामृत्युंजय मन्त्र का जाप करें।