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लाइलाज सोरायसिस के घरेलू उपचार एवं कुछ और

सोरायसिस चर्म रोगों मे एक बहुत ही सामान्यतौर पर पाया जाने वाला रोग हैं जिसे स्किन डिसऑर्डर कहते हैं।


इसका उपचार बहुत ही मुश्किल हैं किंतु नेचुरोपैथी में बहुत सकारात्मक परिणाम मिले हैं।

यह पुरूष व महिलाओं पर बराबर प्रभाव डालता है।


सोरायसिस अधिकतर 15 से 30 साल की उम्र में उभरता है और जीवनभर रहता हैं।

हालांकि सोरॉयसिस के प्राकृतिक उपचार द्वारा इस स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सकता हैं।

यह एक क्रोनिक रोग है जो छूने से नहीं फैलता हैं।


यह रोग तब होता है जब हमारा प्रतिरोधी तंत्र गलत संदेश भेजकर त्वचा के सेल्स का बढ़ना तेज कर देता है।


इस रोग के विकास में जेनेटिक्स व प्रतिरोधी तंत्र दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

यह त्वचा को चोट, कुछ दवाईयों व तनाव से बढ़ता है।

यह शरीर के किसी भी भाग में उभर सकता हैं।

वैसे सामान्यतः प्रभावित हिस्से घुटने, सिरकी त्वचा, कोहनी, पीठ का निचला हिस्सा और सेकरल हिस्से हैं।


बहुत कम मामलों में लोगों में नाखूनों में सोरायसिस पाया जाता हैं।

इसमें नाखूनों का टूटना और मोटा होना या नाखून के नीचे जमाव होता हैं।

आजकल लोगों में स्कैल्प सोरायसिस आम है और सोरायसिस से पीड़ित करीब 20% रोगी सोराटिक आर्थराइटिस से ग्रस्त हैं जो कि बहुत पीड़ादायक हैं।

सोरायसिस क्या है ?

बहुत कम लोगों को पता होगा कि सोरायसिस एक बीमारी नहीं बल्कि ये स्किन डिसऑर्डर है।

होता क्या है.?

एक सामान्य व्यक्ति के त्वचा के सेल्स एक महीने में बढ़ते हैं।

त्वचा में नये सेल्स बनते हैं और करीब 28 से 30 दिनों की अवधि के दौरान पुराने सेल्स निंरतर झड़ने व नहाने से मर जाते हैं।

पर सोरायसिस से ग्रस्त लोगों में त्वचा का जीवनकाल कठिन होता है क्योंकि प्रतिरोधी तंत्र गलत संदेशभेजता है इसलिए त्वचा का यह पूरी प्रक्रिया 4 से 5 दिन मे पूरी हो जाती हैं।

इसलिए त्वचा के मृत सेल्स सतह पर आ जाते हैं।

इससे प्रभावित हिस्सो में खुजली व जलन होती हैं।

सोरायसिस के प्रकार

सोरायसिस 5 प्रकारकाहोताहै

1. पस्ट्यूलर,

2. एरायथोडरमिक,

3. इन्वर्स,

4. गुटैट और

5. प्लाक।

इन सब में प्लाक सबसे सामान्य है। इस प्रकार के सोरायसिस मे चमकदार सफेद व पतली त्वचा के नीचे लाल घाव होते हैं।

सोरायसिस के मरीजों मे अन्य बिमारिया जैसे डिप्रेशन, डायबिटीज और हृदय रोग भी हो सकते हैं।

सोरायसिस छूत की बीमारी नहीं हैं।

यह कम या गंभीर हो सकती हैं।

स्थिति की गंभीरता के अनुसार उचित उपचार लेना चाहिए।

सोरायसिस के लिए घरेलू उपचार

वैसे सोरायसिस का कोई स्थायी उपचार अभी नहीं मिला हैं पर आप अपने शरीर को इसके लक्षणों को राहत दिला सकती हैं।

बहुत सारे ऐसे उपचार हैं जो आपको पतली चतको वाली त्वचासे छुटकारा दिला सकती हैं।

अगर इन उपचारों का नियमित इस्तेमाल करें तो काफी लम्बे समय तक ये पतले चकत्ते नहीं उभरेगें।

सोरायसिस के ये प्राकृतिक घरेलू उपचार आपकों तुंरत राहत देगे..

 

1 ऐलोवेरा (Aloevera)

प्रभावित हिस्सों पर ऐलोवेरा जैल लगाने से त्वचा का पतलापन व रैशेज़ कम होगें।

यह काफीचर्म विशेषज्ञों द्वारा आजमाया गया हैं घावों को कम करने के लिए ऐलोवेरा जैल दिन में 3 बार लगाएं।

आप ये 3 से 4 हफ्ते करते हैं तो आपको त्वचा में बहुत अन्तर दिखेगा।

2 केले का छिलका

(Banana Peel for Psoriasis)

त्वचा के रोगो के उपचार मे केले का छिलका महत्वपूर्ण घटक हैं। अपने घावों पर केले के छिलके का अंदरूनी भाग हल्के से रगड। यह आपकी त्वचा को राहत देगा और रेशेज कम करेगा।

3 एप्पल साइडर विनेगर

(Apple Cider Vinegar for Psoriasis)

यह त्वचा के छिलने व खुजली का अस्थाई सामाधान हैं। थोडे़ गुनगुने पानी मे एक छोटे चम्मच एप्पल सायडर विनेगर को मिला लें। इसे घावों पर लगा कर मसाज करे और एक या दो मिनट के लिए रहने दें। इसे पानी से धो ले।आप चाहें तो इसे नहाने में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बाथ टब मे 1/2 कप एप्पल सायडर विनेगर डालें और गर्म स्नान कर लें।

4 कैमोमाइल

(Chamomile for Psoriasis)

कैमोमाइल में सूजन रोधी फ्लेवनॉइड अंश होतेहैं। यह सोरायसिस के उपचार में मदद करेगा। यूरोप मे इसे सोरायसिस के उपचार मे बहुतायत मे उपयोग किया जाता हैं।

5 लाल मिर्च

(Red Chili for Psoriasis)

लाल मिर्च मे भी सूजन रोधी गुण होते हैं जो त्वचा को ठीक करने में मददगार हैं। यह त्वचाको लाल होने व छिलने को रोकते हैं। मेडिकल स्टोर से कैप्सेसिन क्रीम लें। यह तीखी मिर्ची से बनी होती हैं और घाव कम करने के लिए अच्छी हैं। बस ध्यान रखें कि इसे कटी या फटी त्वचा पर ना लगाए।

6.काजू का तेल

(Cashew Nut Oil for Psoriasis)

घावों पर काजू का तेल भी लगा सकते हैं। यह सोरायसिस में होने वाली जलन से भी राहत देताहैं। यह मृत त्वचा को नम कर उसे हटाता हैं जिससे आपकी त्वचा सामान्य हो जाती हैं।

7 कैस्टर ऑइल या अरेंडी का तेल

(Castor Oil for Psoriasis)

छोटे, मोटे व गोलाई लिए घावों पर अरेंडी के तेल को लगाना आपकी त्वचा को बेहतर कर सकता हैं। कोल्ड प्रैस्ड अरेंडी के तेल का एक छोटा चम्मच बेकिंग सोडा में मिला ले। सोने से पहले इस मिश्रण को घावो पर लगाएँ। कुछ ही हफ्ते में आपको उस हिस्से में पूर्ण सुधार दिखेगा। इसे कटी त्वचा पर ना लगाएँ।

8 ओलिवऑयलयाजैतूनकातेल

(Olive Oil for Psoriasis)

जैतून के तेल की मालिश भी बहुत राहत देगी। प्रभावित हिस्सों पर गुनगुना नारियल तेल लगाकर आधा घंटा रखें। यह रूखापन दूर करेगा वस्थिति को गंभीर होने से बचाएगा। यह आप नहाने से पहले करे।

9 ऐलोवेरा जैल और लहसुन का तेल

(Aloevera Gel and Garlic Oil)

सोरायसिस के उपचार के लिए एैलोवेरा जैल व लहसुन के तेल को समान मात्रा में ले कर मिलाएँ। इस मिश्रण को घावों पर लगाकर 15 मिनट रहने दें। नियमित रूप से इसे लगाने पर अंतर नजर आएगा।

10 sarso का तेल(mustard Oil)

ओमेगा 3 में मौजूद फैटी एसिड्स जलन और चकतो वाली त्वचा की समस्या के निदान के लिए प्रमाणित हैं। इन समस्याओं को कम करने के लिए sarso केतेलवालीक्रीमप्रभावितहिस्सोंपरलगाएँ।

(Avoid मछली के तेल सप्लीमेन्ट्स वाले भी कैप्सूल भी नियमित लें सकते हैं।)

 11 बेकिंगसोडाऔरपानी

(Baking Soda and Water)

1 छोटा चम्मच बेकिंग सोडा 4 छोटे चम्मच पानी में मिलाएँ इन्हें अच्छे से मिलाकर प्रभावित जगहों पर लगायें। बैक्टेरियां से बचने के लिए इसे साफ कपडे या रूई से लगाएँ। इसे तब तक रहने दे जब तक ये सूख कर गिर ना जायें। यह मिश्रण प्रभावित हिस्सो पर होने वाली खुजली कम करेगा।

12 वैजीटेबलऑइल

(Vegetable Oil)

शरीर के प्रभावित हिस्सो व चकत्तों पर वैजीटेबल ऑइल लगाये। ये नमी को अंदर ही रखेगा और पोषण को त्वचा मे समाहित करेगा। इस तेल से मसाज करें व 30 मिनट रहने दें।

 

फिर भी अगर आप इस लाइलाज बीमारी से मुक्ति नही पाते हैं तो सम्पर्क करें क्योंकि प्रकृति के बटुये में हर बीमारी का तोड़ है।

नोनी जूस एवं व्हीटग्रास से अप्रत्यासित लगभग 60 से 70 परसेंट अद्भुत सकारात्मक परिणाम देखे गये हैं।

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किसी भी जानकारी के लिए या ट्रीटमेंट के लिए आप पहले हमें अपनी प्रॉब्लम व्हाट्सप्प कर दीजिये समय मिलते ही आपको जवाब दिया जायेगा

सभी सुखी और निरोगी रहे

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