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गुडबाय पिनकोड, स्वागत है डिजीपिन का

भारतीय डाक सेवाएं 27 मई 2025 से पारंपरिक पिनकोड को छोड़कर डिजीपिन (DIGIPIN) पर स्विच कर चुकी हैं।

 

डिजीपिन एक भौगोलिक संदर्भ प्रणाली है, जो किसी स्थान के सटीक स्थान निर्देशांकों (coordinates) पर आधारित 10-अक्षरों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड प्रदान करती है।

 

DIGIPIN का पूर्ण रूप है Digital Postal Index Number। यह भारत की एक नई डिजिटल पता प्रणाली है, जो पारंपरिक पिनकोड की तुलना में किसी स्थान की अधिक सटीक पहचान करती है। पिनकोड जहां बड़े क्षेत्रों को कवर करता है, वहीं डिजीपिन प्रत्येक सटीक स्थान को यूनिक कोड देता है। यह प्रणाली विशेष रूप से दूरदराज और सेवा-वंचित क्षेत्रों में सेवा वितरण, लॉजिस्टिक्स और आपातकालीन प्रतिक्रिया को बेहतर बनाने के लिए तैयार की गई है।

 

डिजीपिन के मुख्य बिंदु:

 

🔹 सटीकता (Precision):
डिजीपिन पारंपरिक पिनकोड की तुलना में कहीं अधिक सटीक लोकेशन पहचान प्रदान करता है।

 

🔹 डिजिटल पता (Digital Address):
यह एक डिजिटल पता प्रणाली है जो 10-अंकों वाले अल्फ़ान्यूमेरिक कोड के माध्यम से किसी स्थान के सटीक निर्देशांक पर आधारित होती है।

 

🔹 बेहतर सेवाएं (Enhanced Services):
डिजीपिन का उद्देश्य सेवा वितरण, लॉजिस्टिक्स और आपातकालीन सहायता को अधिक प्रभावी और सटीक बनाना है।

 

🔹 विकासकर्ता (Developed by):


इस प्रणाली को भारतीय डाक विभाग (Department of Posts) ने IIT हैदराबाद और NRSC, ISRO के सहयोग से विकसित किया है।

 

🔹 भौगोलिक संदर्भ (Geospatial Reference):
डिजीपिन एक ग्रिड आधारित भू-स्थानिक संदर्भ प्रणाली है जो किसी स्थान की सटीक पहचान करती है।

 

🔹 अपना डिजीपिन जानें (Find your DIGIPIN):
आप अपने डिजीपिन कोड को जानने के लिए सरकारी वेबसाइट https://dac.indiapost.gov.in/mydigipin/home पर जाकर Know Your DIGIPIN प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं। यह वेबसाइट आपको आपके पते का यूनिक 10-अक्षरों वाला डिजिटल कोड देती है, जो आपके सटीक डिजिटल पते के रूप में कार्य करता है।

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