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‘फ्लाइट मोड’ और जीवन का सफर

कभी ध्यान दिया है?
विमान में बैठते ही पहली ही घोषणा होती है —
“Please switch to Flight Mode.”

यानि, अगर आसमान में उड़ान भरनी है,
तो बाहरी दुनिया से थोड़ा disconnect होना ही पड़ता है।

लेकिन कमाल की बात देखिए—
मोबाइल फ्लाइट मोड में हो तब भी
हम फोटो ले सकते हैं, गाने सुन सकते हैं,
नोट्स लिख सकते हैं…
मतलब अपने भीतरी संसार से जुड़े रहने पर
कभी कोई रोक नहीं।

और यहीं एक गहरा, अनमोल जीवन-सूत्र छुपा है—
अगर बड़ी ऊँचाई पानी है,
तो ‘बाहरी शोर’ से थोड़ा दूर रहना बहुत ज़रूरी है।

✨ठीक इसी साधारण अनुभव में एक सूक्ष्म, ज्योतिषीय सत्य समाया है।

जिस तरह कोई ग्रह आगे बढ़ते हुए
नया नक्षत्र, नई दिशा, नई अनुभूति लेता है—
वैसे ही हम भी जीवन के एक चरण से
दूसरे चरण में प्रवेश करते हैं।

और हर ग्रह हमें कुछ न कुछ सिखाता है—

🔹 गुरु बढ़ना सिखाता है,
🔹 शनि संयम का फ्लाइट मोड लगाना सिखाता है,
🔹 केतू बाहरी दुनिया से अलग कर अंदर की ओर ले जाता है,
🔹 राहु कहता है— “उँचाई चाहिए तो भ्रम छोड़ो।”

👉🏻 केतू — मुक्ति और अंतर्मन का ग्रह

केतू की चाल हमेशा बाहर की ओर नहीं,
बल्कि भीतर की ओर होती है।
जब मन फ्लाइट मोड में जाता है,
तो हम अनजाने में केतू के सूक्ष्म प्रकाश से जुड़ जाते हैं—
जहाँ बाहरी बोल-चाल रुक जाती है,
लोगों की राय शांत हो जाती है,
और उसी निर्मल शांति से
एक नया दृष्टिकोण और नया चैतन्य जन्म लेता है।

👉🏻 गुरु — दिशा दिखाने वाला, चेतना विस्तारने वाला

गुरु का वास्तविक आशीर्वाद तभी प्रकट होता है
जब मन का कोलाहल शांत हो जाता है।

जैसे बादलों के ऊपर अचानक आने वाली धूप—
वैसे ही मन फ्लाइट मोड में जाते ही
गुरु भीतर से रास्ता दिखाता है—
क्या अपनाना है, क्या छोड़ना है,
और आगे किस ओर बढ़ना है।

जब हम अपने अंतरंग की ओर मुड़ते हैं,
तभी गुरु का ज्ञान सचमुच प्रकाशित होता है।

 

👉🏻 शनि — अनुशासन और आत्म-सत्य का ग्रह

जैसे विमान यात्रा में सेफ्टी की आवश्यकता होती है,
वैसे ही जीवन में शनि एक गंभीर मर्यादा लगाता है।

शनि कहता है—
उँचाई दूँगा… लेकिन पहले खुद से ईमानदार बन।”

बहुत लोगों से लगातार जुड़े रहना,
उनकी राय से प्रभावित होना,
सबको खुश रखने की कोशिश—
यही हमारे कर्मों की उड़ान को delayed करते हैं।

इसलिए शनि हमें मजबूर करता है—
शांत रहने को,
एकांत स्वीकारने को,
अपनी ‘runway’ साफ करने को।

👉🏻 राहु — चकाचौंध और भ्रम का ग्रह

राहु बाहरी चमक दिखाता है—
लोगों की प्रशंसा, सोशल मीडिया, गॉसिप, तुलना…
ये सब राहु के सिग्नल हैं।

उँचाई चाहने वाले के लिए यही
सबसे बड़ा network disturbance बनते हैं।

राहु कहता है—
बहुत ऊपर उड़ना है तो भ्रम से दूर रहो।
दिखने और होने का फर्क समझो।”

💁🏻‍जीवन भी एक विमान यात्रा जैसा ही है…

कभी टेकऑफ, कभी हलचल,
कभी शांत सफेद बादल,
कभी खिड़की से दिखता सुनहरा सूर्यास्त—

पर एक नियम हमेशा एक सा:
ऊँचाई चाहिए तो फ्लाइट मोड ज़रूर लगाना पड़ेगा।
मानसिक फ्लाइट मोड।

✔ लोग क्या कहेंगे?
✔ किसे क्या लगेगा?
✔ कौन approve करेगा?
✔ कौन साथ देगा?

ये सब आवाज़ें ऐसे हैं जैसे …
आकाश में सिर्फ disturbance।

इसलिए असली यात्रा पर निकलते समय
मन से कहना चाहिए—
आज मैं खुद से connect रहूँगा,
और दुनिया से थोड़ा disconnect।”

यह भागना नहीं,
यह अंत नहीं—
यह तैयारी है।

जिस तरह विमान को उड़ने से पहले रनवे चाहिए,
उसी तरह मन को ऊँचाई पाने से पहले
शांति चाहिए।

क्योंकि जब हम शांत, केंद्रित और भीतर की ओर होते हैं—
तो अंदर का संसार गाने लगता है,
नई कल्पनाएँ जन्म लेती हैं,
नई दिशाएँ दिखती हैं।

जीवन का फ्लाइट मोड — यही असली कला है

यह लोगों से नहीं,
धकाधकी से दूर होना है।
मतों से नहीं,
अपेक्षाओं से मुक्त होना है।

और फिर?
ऊँचाई खुद आती है।
दृष्टि खुद विस्तृत होती है।

🌈 इसलिए —

हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी
अपनी मनःस्थिति को फ्लाइट मोड में अवश्य ले जाना चाहिए,
ताकि वह लोगों की आवाज़ नहीं,
अपने आत्मा की आवाज़ सुन सके।

क्योंकि—

सबसे बड़ी उँचाई शांत मन में ही जन्म लेती है।”

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