कुछ साल पहले तक रोटियाँ चूल्हे पर तवे पर ही सेंकी जाती थीं। कभी-कभी सीधे आग पर भी रोटी सेंकी जाती थी। लेकिन अब ज़्यादातर घरों में गैस का इस्तेमाल बढ़ गया है। गैस पर रोटी सेंकना आसान हो गया है। समय बचाने और रोटी फुलाने के लिए आजकल महिलाएँ गैस की आंच पर रोटी सेंकती हैं।
गैस पर रोटी जल्दी, मुलायम और अच्छी तरह फूल जाती है। लेकिन बहुत से लोग दावा करते हैं कि सीधे गैस की आंच पर रोटी सेंकने से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा बढ़ता है। इस बारे में प्रसिद्ध डाइटीशियन भावेश गुप्ता ने कहा है कि यह दावा ग़लत है।
भावेश ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया। उसमें एक शिक्षक छात्रों को बता रहा था कि बीमारियों के बढ़ने का बड़ा कारण गैस पर सेंकी गई रोटी है। शिक्षक कहता है कि महिलाएँ जल्दी के चक्कर में सीधे आंच पर रोटी सेंकती हैं, और गैस में ऐसा तत्व होता है जिससे कैंसर का खतरा रहता है।
LPG से कोई खतरा नहीं…
भावेश ने WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) का हवाला देते हुए कहा कि जो LPG गैस हम घर में इस्तेमाल करते हैं, वह एक स्वच्छ ईंधन (Clean Fuel) है। इसमें किसी भी तरह के कैंसरजनक (Carcinogenic) तत्व नहीं होते। इससे कोई विषैली गैस नहीं निकलती। WHO ने अपनी रिपोर्ट में भी यह स्पष्ट किया है।
WHO क्या कहता है…?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, घरेलू वायु प्रदूषण कम करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल बढ़ावा देना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि घरों में अस्वच्छ ईंधन (जैसे लकड़ी, कोयला आदि) जलाने से निकलने वाले धुएँ के संपर्क में आने से श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ता है। खासकर गरीब और कम आय वाले परिवारों में यह जोखिम ज़्यादा होता है।
ग़लत तरीका घातक हो सकता है…
न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा के अनुसार, गैस की आंच पर रोटी सेंकने से कैंसर होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। हाँ, अगर रोटी गलत तरीके से सेंकी जाए (जैसे बार-बार जलाकर, ज़्यादा काली करके), तो इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।