१. ज्योतिष में गोधूलि का समय विवाह के लिये सर्वोत्तम माना गया है।
२. यदि यात्रा के प्रारम्भ में गाय सामने पड़ जाय अथवा अपने बछड़े को दूध पिलाती हुई सामने पड़ जाय तो यात्रा सफल होती है।
३. जिस घर में गाय होती है, उसमें वास्तुदोष स्वतः ही समाप्त हो जाता है।
४. यदि रास्ते में जाते समय गोमाता आती हुई दिखायी दें तो उन्हें अपने दाहिने से जाने देना चाहिये, यात्रा सफल होगी।
५. यदि बुरे स्वप्न दिखायी दें तो मनुष्य गोमाता का नाम ले, बुरे स्वप्न दिखने बन्द हो जायँगे।
६. गाय के घी का एक नाम आयु भी है- ‘आयुर्वै घृतम्’। अतः गाय के दूध-घी से व्यक्ति दीर्घायु होता है। हस्तरेखा में आयुरेखा टूटी हुई हो तो गाय का घी काम में लें तथा गाय की पूजा करें।
७. गोमाता के नेत्रों में प्रकाशस्वरूप भगवान् सूर्य तथा ज्योत्स्ना के अधिष्ठाता चन्द्रदेव का निवास होता है। जन्मपत्री में सूर्य-चन्द्र कमजोर हों तो गोनेत्र के दर्शन करें लाभ होगा।