मुझे आज भी साफ़-साफ़ याद है जब मैं बच्चा था, तब मेरे पापा हर रात मुझे और मेरे भाई को कहानियाँ सुनाया करते थे। ये कहानियाँ सिर्फ सोने से पहले की एक रस्म नहीं थीं, बल्कि उन्होंने हमारे सोचने के तरीके, कल्पनाओं और दुनिया को देखने के नज़रिए को आकार दिया।
हर रात कहानी सुनते-सुनते सो जाना एक आदत बन चुकी थी। ऐसा एक भी दिन याद नहीं जब पापा ने कहानी ना सुनाई हो। अब समझ आता है कि वो पल सिर्फ किस्सों के बारे में नहीं थे, बल्कि वो जुड़ाव, जिज्ञासा और सीखने के प्रति प्यार की नींव डालने वाले पल थे।
हर दिन बच्चों को कहानी पढ़ना उनके मस्तिष्क को विकसित करता है। यह उन्हें रोज़मर्रा की बातचीत से कहीं आगे ले जाकर नए शब्दों, नए विचारों और नई अवधारणाओं से परिचित कराता है। ऐसे बच्चे भविष्य में बेहतर भाषा कौशल विकसित करते हैं, जीवन में अच्छा प्रदर्शन करते हैं और भावनात्मक रूप से अधिक समझदार होते हैं।
कहानियाँ बच्चों को अपनी दुनिया से बाहर ले जाती हैं। जब माता-पिता बच्चों को पढ़कर सुनाते हैं, तो वे उन्हें कल्पना करने, सपने देखने और सोचने के लिए प्रेरित करते हैं—जो मानसिक विकास के लिए बेहद ज़रूरी है। बच्चे पात्रों से जुड़ाव महसूस करते हैं और भावनाओं की यात्रा पर निकलते हैं।
कॉमिक्स और चित्र-पुस्तकें, अपनी रंग-बिरंगी तस्वीरों और रोचक कहानियों के साथ बच्चों के मन को तुरंत आकर्षित करती हैं। पढ़ाई एक पवित्र रिश्ता भी बनाती है, जहाँ माता-पिता बच्चों के साथ पूरी तरह से जुड़ जाते हैं, उन खास पलों को जीते हैं और जीवन भर का एक मजबूत बंधन बना लेते हैं।
मेरे पापा की आवाज़ में कहानियाँ सुनना केवल किस्से सुनने की बात नहीं थी—बल्कि वो हमारे साथ बिताए गए वो अनमोल पल थे, जो आज भी मेरे दिल में बसते हैं। वो रिश्ता, जो उन्होंने हमारे साथ उन पलों में बनाया, वह जीवनभर मेरे साथ रहेगा।
अब आपकी बारी है—एक किताब उठाइए और अपने बच्चों को पढ़कर सुनाइए। यह न केवल उनके दिमाग़ और दिल को विकसित करेगा, बल्कि उनके भविष्य को असीम संभावनाओं से भर देगा।