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वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह  न केवल विभिन्न रोगों का कारक  है, बल्कि शरीर पर विशिष्ट चिन्ह (चिह्न), तिल, मस्सा, कट या दाग आदि भी देता है। 

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भाव अनुसार शरीर के चिन्ह (तिल, दाग, घाव, कट, मस्सा आदि)” का अर्थ है – जन्मकुंडली के 12 भावों से जुड़े शरीर के भागों पर संभावित चिह्न।

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जन्म कुंडली में मारकेश दशा: ज्योतिषीय, वैज्ञानिक, और तांत्रिक विश्लेषण

जन्म कुंडली में मारकेश दशा: ज्योतिषीय, वैज्ञानिक, और तांत्रिक विश्लेषण परिचय      वैदिक ज्योतिष में जन्म कुंडली व्यक्ति

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कालिदास की दृष्टि से मानसून – ‘मेघदूत’ के माध्यम से भारतीय मानसून की जीवंत यात्रा

कालिदास की दृष्टि से मानसून – ‘मेघदूत’ के माध्यम से भारतीय मानसून की जीवंत यात्रा आषाढ़ का पहला

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