इस बार आश्विन कृष्ण पक्ष में ज्वालामुखी योग बना था और आश्विन शुक्ल पक्ष की नवरात्रि में दो तिथियों पर स्वयं सिद्ध कालयोग रहा।
दशहरा पर्व इस बार गुरुवार को पड़ा है, जो देश के लिए अत्यंत उत्तम रहेगा। राजा का मान विदेशों में बढ़ेगा। कई स्थानों पर युद्ध होने के संकेत हैं।
पड़ोसी देश शांत नहीं बैठेगा और आतंकी घटनाएँ करने का प्रयास करेगा, जिसका भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देगी तथा भारत का नाम विश्व में बहुत ऊँचा होगा।
अब से लेकर एक माह से तीन माह तक विभिन्न प्रकार के व्यापार में चार गुना वृद्धि होने की संभावना है।
किसी प्रकार से मृत्यु दर में भी वृद्धि होगी, जैसे—विषैले कीट या जानवरों के काटने का भय रहेगा।
अधिक दुर्घटनाओं की आशंका भी रहेगी।
कई प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न होंगी जिन्हें डॉक्टर आसानी से समझ नहीं पाएंगे।
वर्षा की स्थिति: भारत में कई राज्यों में भारी वर्षा हो सकती है। कुछ स्थानों पर बाँधों के गेट भी खोलने पड़ सकते हैं।
व्यापार में कई प्रकार की वृद्धि होगी। भारत कई देशों में अपना व्यापार विस्तारित करेगा। भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की ख्याति देश-विदेश में बढ़ेगी और भारत एक सामरिक शक्ति के रूप में उभरेगा।
भारत अणु एवं परमाणु बमों से संबंधित मिसाइल तकनीक में भी प्रगति करेगा और विश्व में अपना नाम ऊँचा करेगा।
सूर्य, चंद्रमा एवं मंगल की खोज में भारत सबसे अग्रसर रहेगा।
नवरात्रि आरंभ।