वैदिक ज्योतिष में पंचम भाव को त्रिकोण स्थान भी कहा गया हैं. पंचम भाव से ही बुद्धि, विवेक, शिक्षा, संतान, शेयर मार्किट के सम्बन्ध में भी विचार किया जाता है तथा जाना जाता है।
सट्टा, जुआ, लॉटरी, शेयर मार्केट, ये सभी ज्योतिष में राहू के अधीन माने जाते हैं। अतः सबसे पहले हमें यह समझ लेना चाहिए, कि सट्टा, लॉटरी, शेयर मार्केट या कमोडिटी बाजार में लाभ-हानि का गणित केवल बाजार के अनुसार नहीं चलता, इसका संबंध व्यक्ति विशेष की किस्मत से भी है। हर व्यक्ति, कम से कम समय में, अधिक से अधिक धन कमा लेना चाहता है। इसके लिए शेयर बाजार को लोग बहुत ही आसान व सुगम माध्यम समझ लेते हैं, जबकि वर्तमान स्थिति को देखकर ऐसा मानना बेमानी लगता है। क्या शेयर बाजार लाभदायक रहेगा ? ज्योतिष की दृष्टि से किसी व्यक्ति विशेष के लिए शेयर बाजार लाभदायक व सफलतादायक होगा या नहीं, इसके लिए हमें उसकी जन्म कुण्डली, कुण्डली के दूसरे, पञ्चम, अष्टम, नवम और एकादश भाव पर विशेष तौर पर विचार करना होगा।
अधिकतर लोगों की कुण्डली में सम्बंधित भावों के स्वामी दुर्बल या पीड़ित होने के कारण हानि के योग ही बन रहे होते हैं. ज्योतिषीय सलाह से इन्हें कुछ हद तक तो सुधारा जा सकता है, पर एकदम किस्मत का चक्कर दूसरी तरफ नहीं घुमाया जा सकता. हालाँकि इतना लाभ तो मिल सकता है, कि पूरी तरह बर्बाद होने से बच सकें.
ऐसे बहुत से लोगों ने हम से ज्योतिषीय सलाह ली, जो शेयर/कोमोडिटी मार्किट से जुड़े हुए थे. लगभग सभी ने इसमें बहुत हानि उठाई थी. जिन लोगों ने हानि उठाई थी, उनकी कुंडलियाँ देख कर हम हैरान हो गए. लगभग सभी का पञ्चम भाव बुरी तरह से प्रभावित था. या तो पंचमेश नीच का था, या फिर शत्रु ग्रहों के भाव में, या फिर नवमांश में कमजोर था. और इस पर तुर्रा यह, कि कुछ पर क़र्ज़ होने के कारण, उनको किसी ने छठे भाव के स्वामी का रत्न पहना दिया हुआ था, तो किसी को सप्तमेश का, किसी ने 11वे घर के स्वामी का ? अधिकतर की हानि ऐसे उलटे-सीधे उपायों और गलत रत्नों से बढ़ती ही गई : ‘मर्ज़ बढ़ता ही गया, ज्यों-ज्यों दवा की’ !