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सन्देशखाली !! (Sandeshkhali)

आप गृहस्थ हैं, रात के नौ बजे, घर का दरवाजा ज़ोर से पीटने की आवाज़ से आप आतंकित हो जाते हैं… जब दरवाज़ा टूटने की नौबत आ जाती है तो मजबूर होकर आप दरवाज़ा खोल खोलते हैं…. कई TMC के टोपीवाले कारकुन आपके 4 थप्पड़ मार के कहते हैं कि तेरी बड़ी बेटी कहाँ हैं… आप कांप उठते हैं… कारकुन अंदर नहीं घुसता, सिर्फ ऑर्डर सुनाता है कि “अमुक जगह पर अपनी बेटी और अपनी पत्नी को खुद लेकर आ जाना… सुबह तेरी बीवी और बेटी को वापस कर दिया जाएगा… वरना मौत के लिए तैयार रह”….

आप खुद अपनी बेटी और बीवी को ‘अमुक जगह’ पर छोड़ कर आते हैं… सुबह आपकी बीवी लूटी पिटी मुँह छिपाए वापस आ जाती हैं… लेकिन बेटी कई दिन बाद वापस आएगी क्योकि कुछ दरिंदों की हवस की प्यास अभी शांत नहीं हुई! आप पुलिस के पास जाते है… एक पार्टी के दफ्तर में नाक रगड़ते हैं… मगर कोई आपकी नहीं सुनता… वहां सनातनी बेटी जो अधिकतर दलित सनातनी हिंदू हैं… इस कृत्य को झेलने के लिए अभिशप्त हैं! कोई सुनने वाला नहीं, केंद्र भी नहीं…

 

“मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ है,

 क्या मेरे हक में फैसला देगा”…

 

सन्देशखाली… वह जगह है जो सुंदरबन और 24 परगना के नज़दीक है… एक बांग्लादेशी शख्स खुल्लमखुल्ला घोषणा करता है कि वह बांग्लादेशी है, मगर चुनाव जीत जाता है… अब तो भारत की सीनियर मिनिस्टर स्मृति ईरानी बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके उसका नाम शेख शाहजहाँ बताती हैं… शेख शाहजहाँ को गिरफ्तार करने ID जाती है तो IG सहित पूरी ID टीम की भयंकर पिटाई होती है…

ज़ुल्म की इंतेहा देखिये… उधर बलात्कार की शिकायत लेकर गए… 111 पीड़ितों पर ही FIR दर्ज हो जाती है!

 

गूगल पर संदेशखाली टाइप कीजिये… यूट्यूब पर यह नाम डालिये… आंखें गीली न हो जाएं तो कहिएगा!! इस क्षेत्र के हिंदुओं को अपने रीति रिवाज, त्योहार, शादी ब्याह भी इन्ही कादर भाई, शेख शाहजहाँ  जैसों से अनुमति लेकर मनाने पड़ते हैं… यह सब कुछ अपने भारत मे हो रहा है…

 

किस्सा कितना दर्दनाक है… इसका अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि कराची में भी बिल्कुल हिन्दू स्त्रियों के साथ यही सब कुछ होता है… लगातार होता है… वहां भी अत्याचारी उसी मज़हब के हैं… महिलाएं भी भील और अनुसूचित जाति की हैं… मुसलसल बलात्कारों से उत्पन्न बच्चों को भी इन्ही स्त्रियों और इनके निरीह पतियों को पालना पड़ता है! अक्सर स्त्रियों को पता ही नहीं होता कि नवागंतुक बच्चे का पिता कौन है… किसने कल्पना की थी कि कथित आज़ादी के बाद यह सब भारत के कथित ‘बहुसंख्यकों’ की स्त्रियों के साथ भी होगा…

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