तानि सर्वाणि रामस्य पादे तिष्ठन्ति वामके।
यानि चिन्हानि जानक्या दक्षिणेचरणे स्थिता॥
यानि चिन्हानि रामस्य चरणे दक्षिणे स्थिता।
तानि सर्वाणि जानक्या पादे तिष्ठन्ति वामके॥
भगवान् श्री राम के चरण कमलों में 24 दिव्य चिन्ह हैं, वही 24 चिन्ह श्री सीता जी के चरण कमलों में दिव्य शोभा पा रहे हैं। जो चिन्ह श्री राम के बाएं चरण में हैं वही जानकी जी के दाएं चरण में हैं और जो प्रभु के दाएं चरण में हैं वे चिन्ह श्री किशोरी जी के बाएं चरण कमल में सुशोभित हैं।
नामयुक्ताञ्जनान् दृष्ट्वा य: पश्येत् सादरं सखे ।
स याति परमं स्थानं रामेण सह मोदते ।।
जो लोग श्रीरामनामानुरागी साधकों को देखकर उनका आदर करते हैं, हे मित्र अर्जुन ! वे भी भगवान् के दिव्य धाम साकेत में जाकर भगवान् श्रीरामजी के साथ आनन्दानुभव करते हैं।
|| जय श्री सीताराम राधे श्याम ||