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गौ माता राष्ट माता प्रतिष्ठा आंदोलन

गौ मनुष्यों की ही नहीं अपितु देवताओं की भी माता है और माता को उसकी प्रतिष्ठा उसका सम्मान मिलना चाहिए।

आइये हम सभी मिलकर गौमाता को राष्ट्रमाता के उच्च संवैधानिक पद पर प्रतिष्ठित करने का संकल्प ले । आगामी गोपाष्टमी को रामलीला मैदान दिल्ली में एकत्रित होकर वर्तमान तथाकथित हिंदूवादी सह भर्मित सरकार को याद दिलाय

चारों पीठों के शंकराचार्यों के पावन सान्निध्य एवं आशीर्वाद से…

हर भारतीय, सनातनी , हिंदू ,आर्य इस महा अभियान से जुड़ें….

गोपाष्टमी 20 नवंबर को चलो दिल्ली, रामलीला मैदान…

चलो दिल्ली रामलीला मैदान

धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष चारों पुरुषार्थ प्रदान करने वाली गौमाता को वैदिक धर्म ग्रन्थों ने माता का स्थान दिया है। शास्त्रों में वर्णित है ‘पशवो न गावः’ गाय पशु नहीं है, किन्तु सरकार ने गौमाता को पशु की श्रेणी में रखा है, जिसके कारण गौमाता की हत्या, अपमान और दुर्गति हो रही है। संविधान का अनुच्छेद 25 भी हमें हमारी धार्मिक आस्था हेतु सुरक्षा की अनुमति देता है। अतः आओ हम सभी सनातनी हिन्दू संगठित होकर भारत के महान गौरक्षा आंदोलन से जुड़कर शंखनाद करें तथा ‘गावः प्रतिष्ठा भूतानां’ के अनुसार गौमाता को राष्ट्रमाता की प्रतिष्ठा दिलाकर भारत भूमि को धन्य करें।

दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह ने चंडी दी वार में माँ दुर्गा भवानी से गौ रक्षा की आज्ञा मांगते हुए कहा –

 

यही देहु आज्ञा तुर्क गाहै खपाऊ
गऊघात का दोष जग सिउ मिटाऊँ।।
यही आस पूर्ण करो तू हमारी,
मिटे कष्ट गौअन छटे खेद भारी।।

 

प्रत्येक भारतीय को गुरु गोविंद सिंह जी वचनों का मान रखते हुए गौ रक्षा का संकल्प लेना चाहिए।। अतः चलिए गोपाष्टमी 20 नवंबर को दिल्ली के प्रतिष्ठित रामलीला मैदान में गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने…,

 

“धर्म की जड़ है गौमाता, गौभक्त सनातनी जग जाओ । गौ माता हो राष्ट्रमाता, संवैधानिक सम्मान दिलाओ ।। ” आयोजक:- ‘राष्ट्रमाता गौ मंगलम् अभियानम्
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