
रिश्तों की अहमियत हर प्राणी के जीवन मे होती है, कभी-कभी ऐसी परिस्थितिया जीवन मे बन जाती है कि रिश्ते टूट जाते है, जैसे पति-पत्नी आपसी दिक्कतों की वजह से दूर रहने लगे या रिश्ता ही तोड़ दिया, प्रेम संबंध में रिश्ता प्रेमी या प्रेमिका से खत्म हो गया, माता-पिता से संतान किसी कारण रिश्ता तोड़कर अलग हो गई, आदि।आज इसी विषय पर बात करेंगे कोई भी रिश्ता क्यों और किन ग्रहो के योगों से खत्म हो जाता है या कौन ग्रह रिश्तों को तोड़ देते है और क्या वह रिश्ता पहले की तरह अच्छे से जुड़ पायेगा या रिश्ता खत्म होने के बाद, बिछड़ने के बाद क्या दोबारा मिलन हो पायेगा और कौन ग्रह पुनः रिश्ता या जो भी संबंध है उसे ठीक कर पाता यही,तो कैसे।
कुण्डली में कुछ नैसर्गिक रूप से शनि राहु केतु और 12वा घर और इसका स्वामी रिश्तों में दूरियां और पृथकता कराता है, तो शुभ ग्रहो का प्रभाव #जैसे गुरु शुक्र बुध चन्द्र और लग्न स्वामी, 5वे, 9वे भाव स्वामी रिश्तों को जोड़कर रखते सकते है या टूटे रिश्तों को दोबारा यही ग्रह और भाव के स्वामी जुड़वाकर ,दोवारा मिलन करा सकते है, जैसे पति-पत्नी अलग हो गए हो या प्रेमी-प्रेमिका, संतान-मातापिता से, भाई भाई से या दोस्त-दोस्त से किसी से भी रिश्ता खत्म होने या टूटने। के बाद दोबारा उस व्यक्ति से रिश्ता तब ही जुड़ेंगे जब शुभ ग्रहों का सहयोग होगा कैसे ?इस बात को आसान तरह से समझने के लिए उदाहरणो की मदद से समझते है:-
पति-पत्नी में अलग होने। के बाद क्या वापस एक साथ पुनः रिश्ते को पति पत्नी को निभा पायेगे, क्या पति या पत्नी से रिश्ता टूटने पर ठीक हो सकेगा आदि इस बात को मेष लग्न के अनुसार समझते है।
उदाहरण_मेष_लग्न वैवाहिक रिश्ता :-
मेष लग्न में सातवें भाव का स्वामी शुक्र बनता है अब यहाँ शुक्र के ऊपर राहु का प्रभाव पड़ता हो और सातवें भाव पर भी राहु का प्रभाव हो या अन्य किसी पाप ग्रह का प्रभाव हो तब ऐसी स्थिति में पति-पत्नी एक दूसरे से अलग होने की स्थितियां बनेगी और बन जाएगी।सातवे भाव और सातवें भाव स्वामी शुक्र पर पाप। ग्रहों का असर पति को पत्नी और पत्नी को पति से अलग कर रहा है अब रिश्ता टूट गया ख़राब दशाओ के चलते , लेकिन यदि यही अब शुक्र को शुभ बृहस्पति का सहयोग मिल रहा हो बृहस्पति विवाह स्वामी शुक्र के साथ सम्बंध में हो साथ ही शुक्र बलवान होगा तब ऐसी स्थिति में पति पत्नी का रिश्ता टूटने के बाद, अलग होने के बाद दोबारा जुड़ जाएगा, क्योंकि शादी पर नवे भाव के स्वामी गुरु का असर है, रिश्ता टूटा क्यों क्योंकि। राहु का प्रभाव शादी पर था और समय भी राहु या खराब दशाओ का था इसीलिए अलगाब हो जाएगा, लेकिन बचाब की स्थिति ग्रहो की हुई तब रिश्ता शुभ समय शुरू होते ही दोबारा जुड़ जाएगा और सही चलेगा, जबकि शुभ प्रभाव टूटे रिश्तों पर। नही हुआ तब दोबारा रिश्ता नही जुड़ेगा।।
उदाहरण_अनुसार2:-
प्रेमी_प्रेमिका अलगाब और दोबारा मिलन
वृश्चिक लग्न अनुसार, प्रेम और प्रेमी-प्रेमिका का विचार 5वे घर से होता है, वृश्चिक लग्न के 5वे घर का स्वामी गुरु होता है साथ ही प्रेम का कारक मंगल और शुक्र।अब यहां अगर 5वे घर(प्रेम भाव स्वामी)के स्वामी गुरु पर शनि की दृष्टि पड़ जाए साथ ही 5वे भाव पर। या प्रेम के कारक लड़के की कुण्डली में शुक्र ,लड़की कुण्डली में मंगल पर राहु की दृष्टि हो या 5वे घर पर राहु या केतु की दृष्टि पड़ेगी तब यहाँ 5वे भाव स्वामी भी गुरु शनि से और 5वा भाव या प्रेम कारक ग्रह मंगल से पीड़ित तब प्रेमी ,प्रेमिका से और प्रेमिका के प्रेमी से अलग होने की स्थितियां बन जाएगी, लेकिन क्या अलग होने के बाद दोबारा मिलन हो पायेगा, रिश्ता जुड़ पायेगा, इसके लिए जरूरी होगा। 5वे घर और गुरु जो प्रेम के घर का स्वामी है इनका शुभ होना कैसे।
जैसे गुरु पीड़ित हो लेकिन 5वे घर को देखता हो तब रिश्ता पुनः जुड़ने की स्थिति बन जाएगी कुछ समय बाद, इसके अलावा प्रेम कारक शुक्र लड़की की कुण्डली में, मंगल लड़की कुण्डली में 5वे घर को प्रभावित करते हो, जैसे 5वे घर मे बैठे हो या देखते हो तब और ज्यादा स्थिति मजबूत हो जाएगी वापस रिश्ता जुड़ने की, क्यों, क्योंकि प्रेम के घर पर प्रेम संबंन्धी ग्रहो का असर है जिससे प्रेम की वृद्धि होनी है, जब प्रेम वृद्धि होगी तब रिश्ता यह ग्रह दोबारा जुड़वा देते है शुभ दशा आने पर इसके अलावा 5वे घर पर शुक्र, गुरु,बुध,चन्द्र की दृष्टि पढ़ती हो तब अलग होने के योग होने पर भी ,खराब समय के चलते अलग हो जाने के बाबजूद भी , दोबारा मिकन प्रेमी या प्रेमिका से हो जाएगा शुभ प्रभाव से ग्रहो के इसी तरह किसी भी रिश्तों के खंडित होने के योग होने पर यदि रिश्ता खत्म हो गया है तो क्या दोबारा रिश्ता सही हो पायेगा, दोबारा जुड़ पायेगा रिश्ता तो इसके लिए जरूरी है आपके उस रिश्ते(Relation)से सम्बन्धित कुण्डली के घर और घर के स्वामी पर शुभ ग्रहों का असर होना चाहिए।।
जैसे एक उदाहरण_अनुसार ओर समझते है:- परिवार से अलग होने पर क्या #परिवार से दोबारा रिश्ता जुड़ेगा?
उदाहरण_अनुसार
पारिवारिक_रिश्ता:-अब इसके लिए कुण्डली के दूसरे भाव और दूसरे भाव पर शुभ असर ग्रहो का होगा तब रिश्ता पारिवारिक संबंध टूटने पर भी परिवार से रिश्ता जुड़ जाएगा,
जैसे,
तुला_लग्न अनुसार, यहां दूसरे घर का स्वामी मंगल होता है अब मंगल /दूसरा घर यहाँ थोड़ा शनि राहु से पीड़ित हो जाने से परिवार से रिश्ता टूट गया लेकिन यहाँ दूसरे घर पर गुरु शुक्र की दृष्टि पढ़ जाएगी और दूसरे घर का स्वामी मंगल बलवान होगा तब पारिवारिक रिश्ता ,परिवार के लोगो के साथ जुड़कर सही हो जाएगा, यहां बुध नवे घर का स्वामी बनता है। नवा घर रिश्तों को विशेष रूप से मजबूती देता है, यदि केवल बुध ही दूसरे घर मे बैठा हो या दूसरे घर को दृष्टि से देखे। साथ ही दूसरे घर का स्वामी मंगल बलवान होकर केंद्र1,4,7,10 या त्रिकोण5,9 स्थान में होगा तब इसी स्थिति से रिश्ता पारिवारिक सदस्यों के साथ ठीक हो जाएगा।।
नोट:-
किसी भी रिश्ते को जुड़ने के लिए उस रिश्ते से संबंधित कुण्डलीई के भाव पर शुभ ग्रहों का ज्यादा से ज्यादा प्रभाव होगा तो रिश्ता टूटने के बाद भी जुड़ेगा, शुभ प्रभाव ग्रहो का रिश्तों को टूटने से बचाता है।अब ज्यादा अशुभ असर ग्रहो का है या कम या शुभ ग्रहों का असर कम है या ज्यादा, उसी के अनुसार जुड़ने के बाद रिश्तों में प्यार कम या ज्यादा रहेगा, यदि कोई भी रिश्ता जुड़ भी गया हो लेकिन प्रेम उसमे तब ही रहेगा जब ज्यादा से ज्यादा असर शुभ ग्रहों जैसे गुरु शुक्र बुध, 5वे, 9 वे घर के शुभ ग्रहो का होगा।। इस तरह रिश्ते टूटने पर दोबारा भी जुड़ जायेगे यदि शुभ असर रिश्तों पर ग्रहो का होगा।।