
ये हैं “डॉक्टर”— डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. आदिल अहमद, डॉ. शाहीन, डॉ. मोहिउद्दीन सईद, और डॉ. मोहम्मद उमर।
नाम सुनकर लगा होगा — कोई मेडिकल टीम है!
पर नहीं जनाब… ये हॉस्पिटल के स्टाफ नहीं, “जन्नत मिशन” के स्टाफ हैं!
आतं-क-वादी हैं सारे के सारे
डिग्रियाँ लीं, सालों पढ़ाई की, लाखों रुपए खर्च किए —
पर दिमाग में भरा वही पुराना ज़हर।
सोचिए — जब आख़िर में “डॉक्टर” नहीं, आतंकी ही बनना था,
तो इतनी पढ़ाई-लिखाई की नौटंकी की ही क्यों?
घर दे दो, राशन दे दो, आयुष्मान कार्ड दे दो, कुछ कर दो.. अंत वहीं होता है जहाँ से सब शुरू हुआ था।
इस बार साजिश इतनी प्रचंड थी कि
यदि आतंकी सफल हो जाते तो समूचा विश्व एक ऐसा विनाश भारत में देखता जिसे आज तक कभी सोचा भी न गया हो मगर दुआएं दीजिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी को जिनकी सजग चौकीदारी की वजह से आप और आपका परिवार एक बहुत बड़े विनाश से सुरक्षित बच पाया है…
इस बार कोई छोटी मोटी मछली नहीं
बल्कि
गुजरात ATS ने कल आतंकी डॉक्टर मोहिउद्दीन के रूप में बहुत बड़े मगरमच्छ को पकड़ा है जिसने कैस्टर ऑयल से रेज़िन नाम का ऐसा तरल पदार्थ बनाया जो साइनाइड से भी 600 गुना ज़्यादा खतरनाक है… इस रेजिन की न तो कोई गंध है और न ही कोई स्वाद… यदि इस रेजिन को फल सब्जियों के अंदर या मांस मछली के अंदर इंजेक्ट करके हिन्दू बाहुल्य क्षेत्रों में यदि बेच दिया जाता तो क्या हश्र होता… यह जनसंहार सीधे सीधे मोदी जी के स्वर्णिम कार्यकाल पर एक बदनुमा दाग लगा जाता…
गुजरात ATS के डिप्टी एसपी एस एल चौधरी को कुछ समय पहले एक खुफिया टिप मिली कि देश में खतरनाक आतंकी मॉड्यूल एक्टिव हो रहा है…
अब पूरे भारत में कौन कहां कहां एक्टिव है यह मालूम करना भूसे में सुई ढूंढने जैसा था…मगर जब टिप के आधार पर जांच की गई तो पता चला कि कोई आंध्रप्रदेश का एक शख्स संदिग्ध है…
उस संदिग्ध को मॉनिटर कर 24X7 निगरानी की गई… शुरू में तो ये मेहनत बेकार लगी मगर एक दिन कुछ चीजे इनपुट से मेल खाती दिखी तो एक डॉक्टर का पता चला … निगरानी और बढ़ाने पर उसका नाम
डॉ मोहिउद्दीन अहमद सैयद मालूम हुआ…उसकी लोकेशन सर्विलांस पर लगा दी गई… एक दिन उसकी लोकेशन गुजरात के मेहसाना से अहमदाबाद की तरफ मिली जिसके बाद गुजरात ATS एक्टिव हो गई…
गुजरात ATS ने अड़ालज टोल प्लाजा पर घेराबंदी कर दी और एक फोर्ड गाड़ी को रोका…पूछताछ में गाड़ी में मौजूद उस शख्स ने अपना वही नाम बताया जिसकी निगरानी काफी समय से ATS कर रही थी…ATS ने तुरंत उसका फोन अपने कब्जे में लेकर फोन की जांच करनी शुरू की तो उसमें काफी डेटा डिलीट मिला जिसे रिकवर कर लिया गया…मगर कुछ ऐप डिलीट नहीं हो सकी थी क्योंकि
डॉक्टर सैयद को ये अंदेशा ही नहीं था कि वो इस तरह से पकड़ा भी जाएगा…
फोन की जांच से पता चला कि डॉक्टर अफगानिस्तान से ऑपरेट हो रहे ISIS के ही एक ग्रुप ISKP के कुछ बड़े लोगों के साथ कनेक्टेड था और उसके आका यानि आमिर का नाम ‘अबू खदिजा’ है…
गाड़ी की चेकिंग के दौरान उसमें तीन हथियार मिले जिसमें दो Glock पिस्टल, एक बेरेट पिस्टल और 30 जिंदा कारतूस मिले… पर इसके साथ 10 लीटर केमिकल भी मिला…पूछताछ में डॉक्टर ने बताया कि इस केमिकल से वो रेजिन बना रहा था जो केस्टर बीन्स से बनता है…
हथियार के बारे में पूछताछ करने पर दो नाम सामने आए… आजाद सैफी और मोहम्मद सुहेल जोकि यूपी के रहने वाले है…
दोनों को ट्रेस करने पर उनकी लोकेशन राजस्थान बोर्डर के पास बनासकांठा में मिली जिसके बाद तुरंत दोनों को वहां से गिरफ्तार किया गया…इन दोनों ने ये सभी हथियार राजस्थान के हनुमानगढ़ी से लिए थे जिसे पाकिस्तानी शख्स ने ड्रोन की सहायता से पाकिस्तान से हथियार पहुंचाए थे…
यह सभी किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने वाले थे… इन सभी ने दिल्ली, लखनऊ और अहमदाबाद की रेकी की थी… हमला कब कहाँ कितने बजे करना था ???
जहरीले केमिकल का इस्तेमाल कैसे और कहां कहां किस पर करने वाले थे ???
बाकी कौन कौन लोग इस हमले में शामिल है ???
किस किस शख्स ने क्या क्या मदद इन्हें इस हमले को करने के लिए दी , यह सभी सवाल अभी फिलहाल गुजरात ATS की डायरी में दर्ज है…
आप सिर्फ कल्पना कीजिए कि देश किन हालातों में सांस ले रहा है और यदि नरेंद्र मोदी जैसा चौकीदार भारत की रक्षा न कर रहा होता तो आज क्या अंजाम होता ???
इसलिए चौकस रहिए क्योंकि वो ठान चुके है 2027 के चुनाव से पूर्व कुछ भी बड़ा करने की…
2027 तक का ये समय बेहद संभल कर चलने का है…
कोई शक ???
भारत में 1,04,062 मु’स्लि’म डॉक्टर हैं।
मान लीजिए इनमें से कम से कम 50,000 डॉक्टर, सोशल मीडिया पर तो होंगे ही।
अब हाल की घटनाओं को देखें —
7-8 मु’स्लि’म डॉक्टर हिन्दुओं के नर’संहा’र जैसी साजिशों में गिरफ्तार हुए।
पर सवाल ये है —
👉 क्या एक भी मु’स्लि’म डॉक्टर ने इन घटनाओं की निंदा की?
👉 क्या किसी ने कहा कि ये इ’स्ला’म का चेहरा नहीं”?
नहीं!
एक भी आवाज़ नहीं उठी।
फिर हम क्या करें?
कम से कम इतना तो कर सकते हैं कि —
ऐसे डॉक्टरों को अवॉइड करें।
🙏 हिन्दू समाज आज अपनी मौत की आखिरी सिसकियां ले रहा है
कितना खुश नसीब होगा वह हिंदू जो मोदी योगी के राज में अपनी मौत
को गले लगाएगा !
वरना आज या कल हिंदू अपने बच्चों सहित मृत्यु को गले लगाना मतलब अकाल- मृत्यु को गले लगाना जैसा होगा यानी कुत्ते से भी ज्यादा बद्दतर मौत
एक लाख चार हजार रजिस्टर्ड मुस्लिम डॉक्टर हैं!
इनसे बचना कैसे हैं?
सोचिए!
मैं तो चाहता हूं कि, मेरा और मेरे परिवार के
खात्में और कत्लेआम की शुरुआत
मुस्लिम आतंकवादियों द्वारा
सबसे पहले मेरे परिवार से ही शुरू हो !
चाहे मैं या मेरा परिवार तबाह क्यों ना हो जाए ?
कम से कम महानगर गाजियाबाद जिला के 97% हिंदू लोगों को आखिरकार यह तो पता चलेगा कि,
सचमुच वाकई मुस्लिम डॉक्टर हो या इंजीनियर
असलियत में यह आतंकवादी ही होते हैं