
कुंडली में आर्थिक, मानसिक परेशानियों और नकारात्मक प्रभावों के लिए कई ग्रह और दोष जिम्मेदार हो सकते हैं। ज्योतिष के अनुसार, इन समस्याओं के पीछे ग्रह-नक्षत्रों की अशुभ स्थिति होती है। यहाँ कुछ प्रमुख ग्रह और उनसे जुड़े दोषों के बारे में जानकारी दी गई है:
आर्थिक और मानसिक समस्याओं के लिए जिम्मेदार ग्रह
राहु और केतु
राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है और इनका प्रभाव अक्सर नकारात्मक होता है।
प्रभाव: राहु भ्रम, मानसिक तनाव और अनिश्चितता का कारण बनता है। वहीं, केतु मानसिक बीमारी और भय से जुड़ा हुआ है।
योग: जब कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, तो कालसर्प दोष बनता है, जिससे जीवन में संघर्ष बढ़ जाता है।
शनि और मंगल
प्रभाव: शनि को देरी और कठिनाइयों का ग्रह माना जाता है, जबकि मंगल भी आर्थिक समस्याओं और अन्य नकारात्मक प्रभावों से जुड़ा है।
योग: शनि और मंगल की अशुभ स्थिति भी आर्थिक तंगी का कारण बन सकती है। जब शनि और चंद्रमा की युति मंगल से दृष्ट होती है, तो मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।
चंद्रमा
प्रभाव: चंद्रमा मन और भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। यदि चंद्रमा कमजोर या पीड़ित हो, तो व्यक्ति मानसिक अस्थिरता और अवसाद का शिकार हो सकता है।
प्रमुख दोष और उनके उपाय
यह दोष तब बनता है जब पूर्वजों की आत्माएं असंतुष्ट होती हैं।
ग्रह: सूर्य (पिता का कारक) और मंगल (रक्त का कारक) के पीड़ित होने पर पितृ दोष का निर्माण होता है। ऐसा तब होता है जब सूर्य या मंगल का संबंध पाप ग्रहों (शनि, राहु, केतु) से होता है।
लक्षण: घर में कोई न कोई व्यक्ति बीमार रहता है, कारोबार में घाटा होता है और परिवार में कलह रहती है.
उपाय:
हर अमावस्या को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और शाम को दीपक जलाएं।
पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म करें।
भगवान शिव पर काले तिल मिलाकर जल चढ़ाएं।
अमावस्या पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा दें।
यह दोष तब बनता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं।
लक्षण: जीवन के हर क्षेत्र में परेशानी, बुरे सपने और मन में अज्ञात भय।
उपाय:
भगवान शिव की पूजा करें, विशेषकर त्र्यंबकेश्वर या नागेश्वर ज्योतिर्लिंग में।
सोमवार और शनिवार को काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन के जोड़े की पूजा करें और उन्हें नदी में प्रवाहित करें।
चांदी के नाग-नागिन के जोड़े का दान करें।
आर्थिक और मानसिक समस्याओं के सामान्य उपाय
आर्थिक तंगी से मुक्ति:
नियमित रूप से मां लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा करें।
शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
शुक्रवार को कमल का फूल चढ़ाएं और कुबेर यंत्र स्थापित करें।
जानवरों और पक्षियों को भोजन खिलाएं।
मानसिक शांति:
योग और ध्यान का अभ्यास करें।
नियमित रूप से ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप करें।
सकारात्मक सोचें और बनावटी व्यवहार से बचें।
अपने आराध्य की भक्ति करें।