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भाग्योदय बिजनेस से होगा या नौकरी से।

भाग्योदय का भी एक समय होता है साथ ही अच्छा भाग्योदय मतलब राजयोग सुख, अच्छा धन, वैभव, संघर्ष से मुक्ति मिलकर जीवन हर तरह से अच्छा होता जाना आदि ही भाग्योदय है अब यदि आप नौकरी कर रहे है और बिजनेस से भाग्योदय होना लिखा है तब नौकरी छोड़कर बिजनेस ही आपका भाग्योदय करेगा, जबकि नौकरी से भाग्योदय होना लिखा है तब व्यापार करने से कोई लाभ नही जो भी नौकरी कुंडली मे लिखी है वह नौकरी करने से भाग्योदय हो पायेगा, इसी तरह आपकी बच्चों का भाग्योदय बिजनेस से लिखा है या नौकरी से?  नौकरी या बिजनेस जिस भी रास्ते से लिखा है उसी रास्ते पर आगे बढ़ाने से संतान का भाग्योदय आगे चलकर हो पायेगा आदि…                                                                                         

बिजनेस से भाग्योदय:-

अब कुंडली का  धन भाव(दूसरा भाव)ग्यारहवा भाव(धन लाभ भाव)और दसवाँ भाव(रोजगार भाव) औऱ बिजनेस ग्रह बुध कन्या या मिथुन राशि मे है या सूर्य के साथ बुध है या प्रथम भाव मे बैठा है या अन्य तरह से बलि है साथ ही 9वा भाव(भाग्य का भाव)राजयोग या अच्छी स्थिति में है तब बिजनेस से ही भाग्योदय होगा ऐसी स्थिति में नौकरी कभी भी भाग्योदय नही करेगी, नौकरी कर रहे है तब ऐसी स्थिति में कुंडली अनुसार बिजनेस करने से भाग्योदय होकर भाग्योदय के फल मिलेंगे।।                                                        

 

नौकरी से भाग्योदय:-

अब यहाँ दसवाँ भाव(रोजगार भाव)अच्छी स्थिति में है और बुध ज्यादा बलवान नही है साथ ही दूसरे(धन भाव)व ग्यारहवे भाव(धन लाभ भाव) सामान्य स्थिति में है और 9वा भाव(भाग्य भाव) बहुत अच्छी स्थिति में या राजयोग में है तब नौकरी में कैरियर बनाने से ,नौकरी से ही भाग्योदय होगा।

 

अब कुछ उदाहरणों से समझते है भाग्योदय नौकरी से होगा या बिजनेस से, क्या करे।                                                                                          

 

उदाहरण_अनुसार_सिंह_लग्न1:-

सिंह लग्न में यहाँ दसवे भाव स्वामी शुक्र और दसवाँ भाव+दूसरा और ग्यारहवा भाव/भाव स्वामी सहित बुध शक्तिशाली है साथ ही अब 9वा भाव/9वे भाव स्वामी(भाग्य भाव)बहुत अच्छी स्थिति में या राजयोग में है तब यहाँ बिजनेस करने से ही भाग्योदय होगा।दशमेश शुक्र यहाँ दूसरे भाव मे बैठा हो या दूसरे भाव स्वामी बुध से सम्बन्ध किया हो तब होटल, रेस्टोरेंट/खाने पीने से सम्बन्धी व्यापार से ही भाग्योदय होगा।।                                                   

 

उदाहरण_अनुसार_तुला_लग्न2:-

तुला लग्न में इसी तरह अब दसवे भाव स्वामी चन्द्र और दसवाँ भाव सहित दूसरा भाव+ग्यारहवां भाव सहित व्यापार सम्बन्धी बुध बलवान स्थिति में है और भाग्य का घर/9वे घर का स्वामी(9वा घर)अत्यधिक बलवान या राजयोग में है तब व्यापार से भाग्योदय होगा, लेकिन दूसरा और ग्यारहवा भाव सहित बुध सामान्य बलवान है तब नौकरी से ही भाग्योदय होगा।।                                  

 

उदाहरण_अनुसार_धनु_लग्न3:-

धनु लग्न में दशमेश बुध दशम भाव और धन भाव ,धनेश शनि, लाभ भाव ,लाभेश शुक्र सहित बुध ज्यादा से ज्यादा बलवान है और भाग्य भाव(9व  भाव)अच्छी स्थिति में है तब बिजनेस से भाग्योदय होगा इसके विपरीत बुध सामान्य बलवान होकर दशमेश बुध राजयोग में है सूर्य के साथ है और धन सम्बन्धी भाव और धन लाभ स्वामी शनि शुक्र यहाँ सामान्य बलवान है तब नौकरी से भाग्योदय होगा।माना दशमेष बुध यहाँ बलवान होकर 5वे भाव मे है सूर्य के साथ तब सरकारी नौकरी से और नौकरी की स्थिति में है तब नौकरी से टीचिंग/सरकारी नौकरी से भाग्योदय होगा।।                                                                                                

 

अब जिस भी रास्ते से उपरोक्त स्थिति अनुसार भाग्योदय लिखा है तब उसी रास्ते को अपनाने से भाग्योदय होगा,जबकि उल्टा रास्ता पकड़ रखा है रोजगार का तब भाग्योदय होने की स्थिति होकर भी जब तक सही रास्ता रोजगार का न पकड़ा जाए तब तक भाग्योदय नही होगा।।

 

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