जन्म – 12 दिसंबर 1950 (बेंगलुरु, कर्नाटक)
शिवाजीराव रामोजीराव गायकवाड़ उर्फ रजनीकांत के प्रशंसक न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में हैं। रजनीकांत की स्टाइल और अभिनय की कोई बराबरी नहीं कर सकता। अब तक उन्होंने करीब 150 से अधिक फिल्मों में काम किया है। टॉलीवुड के सुपरस्टार रजनीकांत का मूल गांव महाराष्ट्र के पुरंदर तहसील का मावडी-कडेपठार है। लगभग 80-90 साल पहले गायकवाड़ परिवार रोजगार की तलाश में दक्षिण भारतीय राज्य में गया और वहीं बस गया। शुरुआती 20-30 वर्षों तक उनका गांव से संपर्क था, लेकिन समय के साथ वह टूट गया। इस गांव के चंद्रकांत गायकवाड़ रजनीकांत के करीबी रिश्तेदार हैं। चंद्रकांत के दादा और रजनीकांत के परदादा सगे भाई थे।
गांव में चर्चा थी कि रजनीकांत इसी गांव के हैं, लेकिन पक्की जानकारी किसी के पास नहीं थी। दस महीने पहले लक्ष्मण पोटे ने दूरदर्शन पर रजनीकांत का इंटरव्यू देखा, जिसमें उन्होंने कहा, “मेरा मूल गांव जेजुरी के पूर्व में है।” इससे गांववालों में उम्मीद जागी। जब उन्हें पता चला कि रजनीकांत शूटिंग के लिए लोनावला आने वाले हैं, तो उन्होंने उनसे मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन दिया। इसमें गांव के बारे में बताया और आने का अनुरोध किया। रजनीकांत ने ज्ञापन पढ़ते ही मराठी में बोलना शुरू कर दिया। उन्होंने मावडी के सरपंच को गले लगाते हुए कहा, “मैं गांव जरूर आऊंगा।” उन्होंने स्नेहपूर्वक बातचीत की और पूछा, “गांव के लिए मैं क्या कर सकता हूं?” इसके अलावा, उन्होंने गांववालों को चेन्नई आने का न्योता भी दिया और अपने मोबाइल से उनकी तस्वीरें लीं।
दक्षिण भारत में रजनीकांत को भगवान समान माना जाता है, इसका कारण उनकी समाजसेवा है। वे अपनी फीस का 40% हिस्सा समाजसेवा के लिए देते हैं। ‘शिवाजी द बॉस’ फिल्म के लिए उन्हें 20 करोड़ रुपये मिले थे, जिनमें से 8 करोड़ उन्होंने चैरिटी को दिए। खास बात यह है कि वे किसी भी प्रोडक्ट का विज्ञापन नहीं करते, क्योंकि वे मानते हैं कि गलत संदेश नहीं जाना चाहिए (जबकि हमारे बच्चन साहब बिस्किट से लेकर बोरोप्लस तक सबका विज्ञापन करते हैं)।
आज के समय में रजनीकांत भारत के सबसे महंगे सुपरस्टार हैं। मनोरंजन उद्योग के जाने-माने व्यक्तित्व, तमिल फिल्मों के बड़े अभिनेता और परोपकारी व्यक्ति के रूप में उनकी पहचान है। एम.जी. रामचंद्रन के बाद उन्हें सबसे सफल कलाकार माना जाता है। वे तीन दशकों से अधिक समय से तमिल सिनेमा में राज कर रहे हैं। तमिल और दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग के निर्विवाद सम्राट, अपनी संवाद अदायगी और खास अभिनय शैली के लिए प्रसिद्ध रजनीकांत के नाम दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा सफल फिल्में हैं।
उनकी मातृभाषा मराठी है, लेकिन उन्होंने कभी मराठी फिल्मों में काम नहीं किया। वे भारत और एशिया के सबसे ज्यादा मानदेय पाने वाले कलाकार हैं। ‘शिवाजी द बॉस’ के लिए उन्हें 26 करोड़ रुपये मिले थे। रजनीकांत भारत से बाहर कई देशों में लोकप्रिय हैं और दुनिया के सबसे बड़े प्रशंसक वर्ग वाले अभिनेता के रूप में उनका नाम गिनीज बुक में दर्ज है। जापान में उनकी फिल्में बेहद लोकप्रिय हैं। दक्षिण पूर्व एशिया और जापान में उनके बड़े फैन क्लब हैं।
भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया है।